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बुधवार, 19 सितंबर 2018

श्री कुबेर चालीसा

श्री कुबेर चालीसा
Shree Kuber Chalisa in Hindi



॥ दोहा॥ 
जैसे अटल हिमालय और 
जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै,
अविचल खड़े कुबेर ॥ 
विघ्न हरण मंगल करण,
सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो,
धन माया के ढ़ेर ॥ 

॥ चौपाई ॥ 
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी ॥ 
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥ 
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥ 
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी । 
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥ 
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥ 
सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं ॥ 
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥ 
विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता ॥ 
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥ 
शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया ॥ 
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में ।
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ॥ 
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥ 
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥ 
शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥ 
चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं ॥ 
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥ 
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥ 
पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥ 
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥ 
नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥ 
कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला ॥ 
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर दूर तक होए उजाला ॥ 
कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे ।
बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥ 
कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥ 
कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥ 
शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥ 
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥ 
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥ 
रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥ 
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥ 
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे । 
कुबेर भूले को राह बता दे ॥ 
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥ 
रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥ 
बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥ 
कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥ 
कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥ 
चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥ 
पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई ॥ 
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई ॥ 
जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै ॥ 
उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै ॥ 
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई ।
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥ 
॥ दोहा ॥ 
शिव भक्तों में अग्रणी,
श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर,
कर दो दूर अंधेर ॥ 
कर दो दूर अंधेर अब,
जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी,
दया की दृष्टि फेर ।
॥ इति श्री कुबेर चालीसा ॥

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